शुभ हो सबको यह नया साल!!
खाने को मिलता रहे माल!
स्वस्थ रहें नर और नारी,
सन्तान रहें आज्ञाकारी,
कचरा नहीं बीने कोई बाल!
शुभ हो सबको यह नया साल!!
♥ अब देखिए आज के चित्र पर कविता ♥
छील पेंसिल को मैंने इस कागज पर चिपकाया है।
देखो मम्मी मैंने कितना सुन्दर चित्र बनाया है।।
हरे रंग से पौधे में पत्तियाँ बनाई।
लाल रंग से इसमें कलियाँ बहुत सजाई।।
छीलन को चिपकाकर मोहक फूल खिलाए।
मेरी चित्रकला सबका मन बहुत लुभाए।।
सुमनो से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं होता।
इन्हें देखकर रोता बालक भी चुप होता।।
लिखना सदा सुलेख, मनोरम चित्र बनाना।
बैर-भाव को भूल सभी को मित्र बनाना।।
चित्रांकन-प्रांजल