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24 दिसंबर, 2010

"यीशू को, हम प्रणाम करें" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

मानवता के लिए
सलीबों को अपनाया।
लोहे की कीलों से 
अपना तन जिसने बिंधवाया।
आओ उस यीशू को,
हम प्रणाम करें!
इस बलिदानी का,
आओ गुणगान करें!!

सेवा का पावन पथ,
जिसने दिखलाया।
जातिवाद के भेद-भाव से,
जिसने मुक्त कराया।
आओ उस यीशू को,
हम प्रणाम करें!
इस बलिदानी का,
आओ गुणगान करें!!

घूम-घूम कर विद्यामन्दिर 
औरचिकित्सालय खुलवाया।
भूले-भटके लोगों को
जिसने था गले लगाया।
आओ उस यीशू को,
हम प्रणाम करें!
इस बलिदानी का,
आओ गुणगान करें!!

6 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर गीत ..क्रिसमस की शुभकामनायें

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  2. बहुत सुन्दर व प्रेरणादायक प्रस्तुति…………क्रिसमस की शुभकामनायें।

    जवाब देंहटाएं
  3. यीशु के लिए कित्ती प्यारी कविता..और चित्र भी बहुत सुन्दर.

    ____________________
    'पाखी की दुनिया' में तन्वी अब दो माह की...

    जवाब देंहटाएं

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